शनिवार शाम सायरन बजेगा, रोशनी गायब – जानिए क्यों?

Ajay Gupta
Ajay Gupta

हनुमानगढ़ जिले में आपातकालीन तैयारियों को परखने के लिए “ऑपरेशन शील्ड” मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना, सिविल डिफेंस, पुलिस, चिकित्सा, फायर ब्रिगेड समेत कई विभाग सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। इसका उद्देश्य जिले को किसी भी आपदा या हमले जैसी स्थिति में तत्पर और प्रभावी बनाना है।

सभी सायरन एक साथ बजेंगे

शनिवार शाम 5 बजे जिले के सभी सायरन एक साथ बजेंगे। मॉक ड्रिल दो-तीन प्रमुख स्थानों पर आयोजित की जाएगी, जहां विभागों की प्रतिक्रिया और उनके रिस्पॉन्स टाइम की जांच की जाएगी। जिला कलेक्टर काना राम ने बताया कि पिछली मॉक ड्रिल में सामने आई खामियों को इस बार दूर किया गया है ताकि अभ्यास अधिक सटीक और प्रभावी हो।

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ब्लैकआउट के दौरान क्या करें?

चिन्हित क्षेत्रों में 15 मिनट का पूर्ण ब्लैकआउट किया जाएगा। सायरन सुनते ही घरों की सभी लाइटें तुरंत बंद करनी होंगी। यह अभ्यास दुश्मन के संभावित हमलों जैसे ड्रोन, मिसाइल और विमान हमलों की स्थिति में नागरिकों और सेवाओं की तैयारी को परखने के लिए किया जा रहा है। आमजन से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं और अफवाहों पर ध्यान न दें।

कौन-कौन लेगा भाग?

अभ्यास में सिविल डिफेंस, स्वयंसेवक, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, स्काउट्स-गाइड्स के युवा, पुलिस, चिकित्सा टीमें और फायर ब्रिगेड शामिल होंगे। दुश्मन ड्रोन हमले जैसी स्थिति का अनुकरण करते हुए घायलों की निकासी, रक्त संग्रह और सीमावर्ती क्षेत्रों में गृह रक्षकों की तैनाती की जाएगी।

तकनीकी मदद और हॉटलाइन संचार

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने एक मोबाइल ऐप विकसित किया है, जो अधिकारियों को सायरन का लाइव अलर्ट देगा। साथ ही, वायुसेना और जिला नियंत्रण कक्षों के बीच हॉटलाइन संचार प्रणाली और एयर रेड सायरनों की प्रभावशीलता का परीक्षण भी किया जाएगा।

मुख्य उद्देश्य और तैयारियों का मूल्यांकन

मुख्य सचिव सुधांशु पंत के निर्देशन में और जिला प्रशासन की निगरानी में यह मॉक ड्रिल सभी विभागों के बीच समन्वय, बचाव उपकरणों की उपलब्धता, ब्लैकआउट की सफलता और आपातकालीन तैयारियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करेगी। पिछली बार की कमजोरियों को सुधारते हुए इस बार विशेष ध्यान रिस्पॉन्स टाइम और त्वरित कार्रवाई पर दिया जाएगा।

अपील

पुलिस अधीक्षक हरि शंकर ने कहा कि नागरिक घबराएं नहीं, यह केवल एक अभ्यास है। सायरन बजते ही कोई अफवाह न फैलाएं और प्रशासन का सहयोग करें। इस तरह की तैयारी से हम किसी भी वास्तविक आपात स्थिति से मजबूती से निपट सकते हैं।

“ऑपरेशन शील्ड” मॉक ड्रिल हनुमानगढ़ जिले को आपदा प्रबंधन और आपातकालीन स्थितियों में और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य सिर्फ विभागीय प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि नागरिकों की सतर्कता और भागीदारी भी है।

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